बेचना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि आपको सही जानकारी प्रदान करना, क्योंकि आप एक जागरुक उपभोक्ता व नागरिक हैं और उसे बढ़कर आप एक इंसान हैं।
हम इंसानों के कारण ही इंसानों को जीने लायक पर्यावरण धीरे-धीरे खराब हो रहा है उसके पीछे का कारण भी अनजाने में ही सही, कहीं ना कहीं हम ही है और हमारी आदतें हैं यदि वही आदतें हम धीरे-धीरे भी बदले तो आने वाले समय में जो चीज धीरे-धीरे बिगड़ती चली आ रही है वह कहीं ना कहीं रुक जाएगी और उसमें सुधार की कलियां भी खिल जायेंगी, यदि आप भावी पीढ़ियों के बारे में चिंतित हैं, तो आप मेरी बातों को अपनी जिंदगी में कहीं ना कहीं जगह जरूर देंगे इसी आशा के साथ हम आपसे बात कर रहे हैं।